Mantri Ji पतझड़ थे अब हो गये गुलज़ार मंत्री जी सुना है सब बेच खाये इस बार मंत्री जी जन की कोई बात नहीं बात-बात पे जुमले झूठ-फ़रेब की चला रहे सरकार मंत्री जी साँपनाथ या नागनाथ जनता पकड़े किसका हाथ इक जैसा है सबका ही किरदार मंत्री जी इक थैली के चट्टे-बट्टे बिन पेंदी के लोटे गिरगिट से पहले तुमको नमस्कार मंत्री जी लोकतंत्र की लाज रखो संविधान का मान करो ठीक नहीं है सत्ता का अंहकार मंत्री जी ©Aaina #मंत्रीजी #राजनिती #नेता #लोकतंत्र #WForWriters