इबादत ********** इबादत में मेरी मुबहम है मुसलसल वो, आंखों में मेरी है प्यारी तस्वीर रुबरू , दे कलम मेरे हाथों में , मैं मुसव्विर बन, सुर्खरू मोहब्बत की सुंदर तस्वीर बना दूं। कुछ तो रब्त है मेरा उसका,क्यों बसीरत में वो हैं, आखि़र क्यों उनके नाम से शगुफ्ता मेरी राते हैं, मोज़िजा कुछ ऐसा हो जाए कि तड़प उनको भी हो, इब्तिदा-ए-इश्क़ की नवाज़िशें दरमियान हो जाए। तख़्य्युल में उनका ही राज, प्यार हमारा पुर-नूर हो जाए, मसाफ़त का यह प्यार मसर्रत सरगोशियों में बदल जाए, ग़फ़लत ना बर्दाश्त हमें, क्यों नज़र -ए - अशरफ़ हो गए, अक़ीदत-ए-मोहब्बत हो, क्यों नाक़िद की बातों से परेशान हो गए। #kkइबादत #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #kkr2021