कोई आता नहीं...कोई जाता नहीं। जबसे शादी हुई...कोई भाता नहीं। ग़म ऐसा है कि...कभी जाता नहीं। मन प्रेमगीत अब..कभी गाता नहीं। बीबी देवी हुई........हम पुजारी हुए। वो बनी मालकिन, हम भिखारी हुए। शादी से पहले.....साहब हम शेर थे। उस दुर्गा के हम.....अब सवारी हुए। वो डाकू कोई.......हम खजाना हुए। उस तिरंगबाज़ के, हम निशाना हुए। बातें जो भी कहे...सब फ़साना हुए। सच तो ये कि हम, शमा परवाना हुए। ये ख़ाली सोफ़े शिकायत करते हैं कोई आता नहीं... #कोईआतानहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #hkkhindipoetry #मौर्यवंशी_मनीष_मन