दिल बेकरार आज बहुत है तुझे देखने की चाह आज बहुत है कहने को किताब में रखे वो फूल सुख चुके है पर इनमे तेरी ख़ुशबू आज भी बहुत है।। दूर तो हूं तुझसे कहने को, आज बहुत पर तू ना सही तेरी याद ही सही, करीब आज बहुत है।। तुमने ही तो कहा था भूल जाओ मुझे उस शाम को रोया था मैं बहुत, वो शाम भी तो आज ही हैं।। वो वक़्त, वो लम्हा, वो पल...... तुम्हारी मजबूरियां थी या कुछ और उस समय टूट चुका था मैं बहुत चाहा था तो तुझे पागलो की तरह, पर किस्मत भी हमारी, नाराज़ थी बहुत।। कहां ना भूल तो सकता था मैं तुम्हे पर क्या करे दिल बेकरार आज बहुत है तुझे देखने की चाह, आज बहुत है ।। #दिल #बेकरार #आज #बहुत_है दिल बेकरार आज बहुत है तुझे देखने की चाह आज बहुत है कहने को किताब में रखे वो फूल सुख चुके है