दरबार ए ख़ालिक़ में दामन फैलाया,मिरी दुआओ मे जिक्र तुम्हारा चला आया, रहमत ए खुदा तेरे दर पर बरस जाये, मैंने इश्क़ ए इबादत में तुमको हैं पाया, कुछ न हो बिन तेरे मेरा वजूद ए हमराही,मैंने महरूम ए मोहब्बत सा तुमको पाया, अब मुसलसल ही चाहत ए दिल्लगी बढ़ रही हैं,मालूम है तेरा साथ नही हो पाया, हर्फ़ ए दुआ इस दिल की बस तेरा साथ मुक्कमल हो जाये, हरहलात में किताब ए जीस्त का हर सफ़हा तेरे नाम लिख जाये। Challenge -10... #collabwithप्रेमलेखन #प्रेमलेखन #जिक्र_तुम्हारा 👔- सभी लेखक अपनी रचना 6 लाईन में लिखे । 👔- इस प्रतियोगिता का विजेता कल शाम 7 बजे टेस्टीमोनियल के माध्यम से घोषित किया जायेगा । 👔- सभी ज्यादा से ज्यादा कोलब करें । 👔-धन्यवाद ।। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine