खामोश थे हम तो मगरूर समझ लिया, चुप हैं हम तो मजबूर समझ लिया, यही आप की खुशनसीबी है कि हम इतने क़रीब हैं, फिर भी आप ने दूर समझ लिया | #paidstory2