तेरे बंदो के काम आ जाऊं.. ऐसा कोई कमाल दे , मौला.. ज़िन्दगी बेमिसाल दे मौला .. दौलत लाज़वाल दे मौला.. देख कर जिसको कुफ्र शर्माए.. ऐसा हुस्न - व - जमाल दे मौला.. हम को फिक्र ज़िन्दगी है या रब.. तू ही रिज़्क़- ए - हलाल दे मौला.. तेरी ही ज़ात से उम्मीद है.. मुश्किलों से निकाल दे मौला.. बात बस में नहीं , ये " रुशदा" के तू असर इस में डाल दे मौला...!!💓 आमीन सूम्मा आमीन..💓💓 "दुआ इबादत है" जो हर वक़्त करते रहनी चाहिए अपने लिए भी और दूसरों के लिए भी... क्या पता शायद उसकी मुश्किल आपकी दुआओ की मोहताज हो.. मुझे अल्लाह पर और अपनी दुआयों पर पूरा भरोसा है... क्युकी दुआए ज़रूर क़ुबूल होती है..!!