"भाई स्वैग तो कबीर दास जी का था जब तक जिये संस्थागत धर्मों की धुनाई की और जब मरे तो इनके शरीर के लिए वही धार्मिक आपस में लड़ रहे थे।" "कबीरा खड़ा बाज़ार में मांगे सब की ख़ैर ना भक्तन से दोस्ती ना चमचन से बैर" #कठोर_Liberal ©kapil #दृष्टि