सर्द रिश्तों में पिघलना दूरियों की आँच में जम जाना तेरा ऐ जिंदगी ! सफर बरसों का बस कुछ चंद कदमों में गुज़र जाना तेरा ऐ जिंदगी ! हर सुबह के आने तक वो मीलों लम्बी रात को सुलगाना तेरा ऐ जिंदगी ! इन मुसाफिर कदमों का चलना और हर मोड़ पर मंजिलें बदलते चले जाना तेरा ऐ जिंदगी ! कैसे लिखूँ मेरे हर हर्फ में स्याही बन उतर आना तेरा ऐ जिंदगी ! -Meenakshi Sethi #wingsofpoetry #wingsofpoetry #366days366quotes #writingresolution #day62 #yqdidi #yqbaba