अपनी किस्मत के आगे उसको मुंह खोलना पड़ा था वो मजबूर जरूर मगर फिर भी मगरूर बनना पड़ा ख्वाहिशों की चिट्ठी थी कच्ची लेकिन उसका मोल कुछ इस तरह था ना जान पाए ना समझ सके बस उसी राह के सामने एक ऑंसू बोल पड़ा कब तक चुप रहता आख़िर एक आँसू बोल पड़ा। #आँसू #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqbaba #jattu