मैं सब्र करती हूं मैं इंतजार करती हूं इंसानों के सुधरने की दुआएं बार-बार करती हूं।। जो कुछ मेरा है वह इंसानों के नाम है मेरा वजूद उनपर कुर्बान है रोटी कपड़ा मकान दिया है सब कुछ मैंने बदले में कियो खत्म कर रहे हैं मुझे यह|| मेरी खूबसूरती से प्यार करते हो कैसा प्यार है यह जिसकी मौत का सामान खुद तैयार करते हो।। इलजाम मुझ पर लगाते हो भूकंप व सुनामी का याद नहीं आता यह सब मेरे सीने पर जब वार करते हो|| मेरी जिंदगी से जिंदगी है तुम्हारी फिर किस बात का घमंड बार-बार करती हो|| जब तक मैं तुम्हारे मुताबिक चलो सब ठीक है थोड़ा सा डगमगाने पर शिकायतें हजार करते हो|| दुसरौ से कहते हो कुदरत को बचाओ जब अपनी बारी आई तो कुल्हाड़ी से वार करते हो|| सबको खुशियां देती हूं बदले में तकलीफ लेती हूं|| बदलेगा इंसान इस उम्मीद से दुआएंं करती हूं।। ©Princess_Writes kuch kahna chahti hai hamara nature humse... #savenaturesaveyourself #Nature #poem #nojotohindipoetry #princess_writes #NFatima #magicofwords