दुख की नगरी दुख सा पानी कौन सुनेगा यह बात पुरानी इस धरती और इस अंबर में हर आदम की अलग कहानी कोई तो सोचे कोई तो बताये पागल दिल को कैसे समझाये लोग अलग हैं आश अलग है दरिया दरिया प्यास अलग है सब दुख मिट्टी सब दुख पानी कौन सुनेगा यह बात पुरानी #NojotoQuote