पानी के तलाश मे अब प्याश बुझने लगी, आँखो के पानी अब आँखो मे ही सुखने लगी, जिन्हे देखने को नजरे बिछाए रेहते थे हम कभी, आज उनके नाम पेहि हमारी नजरे झुकने लगी... #ThroughWriting