तेरे पास या दूर होने से अब कोई फर्क नही पड़ता, गुज़र जाती है अब वो शाम भी ,जिस शाम में मैं तेरी यादों में था मरता, हा अब पहले जैसा बेचैन नही रहता हूं,वक़्त बीत गया है, वो वक़्त ही कुछ और था जब मैं तुझपे था मरता,।।। ★गुमनाम शायर★ #thoughtoftheday#writterschoice#ankitthepoet#ankit