गुनाह क्या था वो लातों और चप्पलों से पीटा गया, जो कभी पांच वक़्त की नमाज अदा करता था, आज ईश्वर की सेना भारी पड़ी खुदा की खुदाई पर, जो जय श्री राम के नाम को जपना पड़ता था। वो बेसुध बेमौत मारा गया हैवानों के हाथो से, जो एक इंसान के फ़र्ज़ अदा करता था, कोई तो बताए उसका गुनाह क्या था, वो जिल्लत भरी मौत क्यों मरता था। उसकी रूह भी जन्नत में ये संदेह फैलता होगा, दोजख में बैठ देवताओं की खिल्ली उड़ाता होगा, की खुद तो छोड़ गए माटी के मोह को, पर पाल गए यहां पर घातक सोम को, जिसकी अमवास ईद पर लगती भारी है, तो क्या ख़ाक़ अली बिन दीवाली है, क्या गुनाह है इन गैर कौम के लोगो का, और क्या कर लोगे इन सरकारी समझौतों का। यहां तो सर्वधर्म का स्वामी जब दिखते एक समान है, तो धर्मो को अलग करने वाला कौन सा फ़रमान है, गर अलग हो भी गए तो सलमा बेगम से चुनरी कैसे बनवाओगे, और दिलावर सिंह की चादर के मजार कैसे जाओगे, फिर सुमित की सेवईयां कहां मिलेंगी, और अब्दुल की बगिया कहां दिखेंगी, अशिया की वो लज़ीज़ बिरयानी कहां खाओगे, प्रेरणा के मशहूर पेड़े कहां से लाओगे, क्या गुनाह था इन चिटिओ जो अलग कर दिया इनको, काली और लाल से हिन्दू और मुसलमान कर दिया इनको। क्या गुनाह था #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqbhaskar #yqreligion