Happy Birthday Sonu Nigam तुमको पाया है तो जैसे खोया हूँ कहना चाहूँ भी तो तुमसे क्या कहूँ तुमको पाया है तो जैसे खोया हूँ कहना चाहूँ भी तो तुमसे क्या कहूँ किसी जबां में भी वो लफ्ज़ ही नहीं के जिन में तुम हो क्या तुम्हें बता सकूँ मैं अगर कहूँ तुम सा हसीं कायनात में नहीं है कहीं तारीफ़ ये भी तो सच है कुछ भी नहीं शोखियों में डूबी ये अदायें चेहरे से झलकी हुई हैं जुल्फ़ की घनी घनी घटायें शान से ढलकी हुई हैं लहराता आँचल है जैसे बादल बाहों में भरी है जैसे चाँदनी रूप की चाँदनी मैं अगर कहूँ ये दिलकशी है नहीं कहीं, ना होगी कभी तारीफ़ ये भी तो सच है कुछ भी नहीं तुम हुए मेहरबान, तो है ये दास्ताँ अब तुम्हारा मेरा एक है कारवाँ, तुम जहाँ में वहाँ मैं अगर कहूँ हमसफ़र मेरी अप्सरा हो तुम, या कोई परी तारीफ यह भी तो, सच है कुछ भी नहीं तुमको पाया है तो जैसे खोया हूँ कहना चाहूँ भी तो तुमसे क्या कहूँ किसी जबां में भी वो लफ्ज़ ही नहीं के जिन में तुम हो क्या तुम्हें बता सकूँ मैं अगर कहूँ तुम सा हसीं कायनात में नहीं है कहीं तारीफ़ ये भी तो सच है कुछ भी नहीं tumko paya hai to jaise