रिश्तों की जड़ें इन बेलों की तरह ही न लिपटे रहते थे तुम... हर वक़्त, हर घड़ी..खाते-पीते, सोते-जागते, रोते-गाते।मेरी जड़ों को पकड़े तुम कब बड़े हो गए पता ही न लगा और आज अपनी नई बेलें बना ली..खूबसूरत सी..प्यारी सी। नई बेलें तो बनती चढ़ती रहती है.. तभी वो खूबसूरत लगती है। भूल गए तुम की बेलों की शाखें तो नही होती लेकिन अगर जड़े काट दी जाए तो बेलें बढ़ती तो है पर कुछ वक्त बाद सूख जाती है। कुछ ऐसा ही कर दिया न..हमारे रिश्तें की जड़ों के साथ भी। #nammy27 #yqdidi #rishtey #rishtonkiehmiyat #pyar_ke_alfaz #बेलें