हम खुद को अब ख़ुदी में समेट रहे है दुनिया के रंग नहीं देखे पर अब तुमको देख रहे है tumhari khushiya ki khatir नाम लिख पत्थर पर तुम्हारा दरिया में फेकते थे अब नाम लिख लकड़ी पर ख़ुदका उसको आग में फेंक रहे है ख्वाइशे अब खत्म हुई मेरी बस खुली आँखों में कुछ काले सपने रेंग रहे है के तुमको जितना खुद से दूर भेज रहे है कसम से मौत को उतनी ही करीब से देख रहे है ©Suraj birla #Heart #Broken #follow #surajbirla #Comment #Heartbeat