बड़े मासूम लगते हैं जब वो मुस्कराते हैं, कोई क्यों ना जान दे-दे, वो ऐसे सर झुकाते हैं l बडी बोलती आंखे उनकी कुछ तो कहना चाहती है, पर ना जाने क्यों नजरे मिलते ही झुक जाती हैं l खामोश से होंठ उनके ना जाने कौन सी धुन गुनगुनाते हैं, कुछ तो कहना था उनकों पर कभी कह नहीं पाते हैं l बड़े ही खूबसूरत हाथ उनके ना जाने क्या ही करना चाहते है, कभी लटों से खेलते है तो कभी चोटी बनाते हैं l बड़े संजीदा चलने में, पायल कि शोख बढ़ाते है, पर कमबख्त उन नाजुक पावों में सैन्डल बड़ा जुल्म ढाते है l After a long time... #ddiary02 #deardiaryquotes #yqdidi #yqbhaijan #yqbaba #yqbabaquote #yqpoetry