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©बेचैन..✍️ चाय जो कभी बाजारू थी देर रात घर घर घूम

©बेचैन..✍️

चाय जो कभी बाजारू थी
देर रात घर घर घूमती
राजू भैया की चाय चाय गूंजती
कभी इनकार कभी दुत्कार
चाय नहीं से दुत्कार था
आज धूप गर्मी झेल
उसी के दर पे खड़े, सर झुका के
भिक्षु बने, कोई एक प्याला ही पूछ ले..! चाय...
©बेचैन..✍️

चाय जो कभी बाजारू थी
देर रात घर घर घूमती
राजू भैया की चाय चाय गूंजती
कभी इनकार कभी दुत्कार
चाय नहीं से दुत्कार था
आज धूप गर्मी झेल
उसी के दर पे खड़े, सर झुका के
भिक्षु बने, कोई एक प्याला ही पूछ ले..! चाय...