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घाव इतने हैं इस दिल पर की अब रिसने लगे हैं जो जत

घाव इतने हैं इस दिल पर 
की अब रिसने लगे हैं 
जो जताते  थे सदा से की हैं हमारे 
वो आज हमसे बच के निकलने लगे हैं 

समय था जब मेरा कठिन तो 
मैंने खुद को खुद ही संभाला 
टूटा, पर फिर जोड़ा खुदको 
ना जाने कितनी बार गिर के उठाया 

और आज हमसे लोग हैं पूछते 
के अब हमारे हाल चाल मिलते क्यूँ नहीं है 
है सबको शिकायत हमसे 
कि अब हम मिलते जुलते क्यूँ नहीं हैं 

अब क्या मैं इनको बताऊँ 
की अब हम पहले  से  नहीं  हैं 
या लफ़्ज़ों की कमी सी हो गयी है 
के बात अब हम करते नहीं हैं 

और इन्तेहा तो देखिए हुज़ूर नाइंसाफी की 
के दिल मेरा दुखा कर हम पर ही  
मुक़दमे की अर्जियां की हैं  
और हमसे ही फैसले की आस भी है

©Manuja Misra
  #hurt😢  #sad_feeling
manujamisra1535

Manuja Misra

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hurt😢 #sad_feeling #Poetry

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