सावन की हरियाली आयी आया तिज-त्याेहार याद आया फिर वाे माँ का आँगन और बाबुल का प्यार इसकी आगे और लिखू क्या याराें कलम गयीं है हार शब्द थके हैं गला रूघें है गालाें पर हैं माेतियाें की घार #yqate#qattet#yqbaba#yqdada#yqdidi#yqtable#yqlove