ये क्या लगा रखा है? हे मुर्खो! दलित,सामान्य,पिछङा वर्ग हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई लङकी की इज्ज़त-जिन्दगी पर भी क्यों? ये धर्म-जाति की मोहर है थोपी हे बेबकूफो! कभी तो इन सबसे ऊपर उठकर इन्सान की तरह सोचो-बोलो क्योंकि लङकी की कोई धर्म-जाति नहीं होती देश की कितनी ही बेटियाँ हर रोज किसी न किसी हैवान की हैवानियत का शिकार है होती वो तङपती हैं,हैं वो रोती पर अपने देश में उनके दर्द को देखता-समझता है कौन? यहाँ तो उनके दर्द पर भी धर्म-जाति की राजनीति है होती। ©ekta #Stoprape #stopdirtypolitices