मिली जिंदगी रब से, साँसे भी मिली मखमली, समा भी मिला हसीन, और जो बाकी कुछ रह गया था, तो एक हसीन साथी भी मिल गई। आई वो ईश्वर का आशीर्वाद बन के, मुझे मिली वह ईश्वर के प्रसाद के रूप में, मेरी सूनी पड़ी जिंदगी में, वह संगीत की धुन बनकर छा गई, बजने लगे दिल के तार, जब हल्की सी छुअन हुई उसकी। हर एक चीज़ का रखती है ख़्याल वह मेरा, जब होता हूँ हताश बनती है वह हौंसला मेरा, देती है हिम्मत बुराई से लड़ने की, और सिखाती है सच्चाई की राह पर चलने के लिए। मिला है हसीन साथी मुझे तुम्हारे रूप में, शुक्रिया अदा कैसे करूं में तेरा, की कोई शब्द ही ना निकाल पाऊँ तुम्हारे लिए, फिर इतना जरूर करता हूंँ तुम्हारे लिए की, तुम्हारी हर एक ख़्वाहिश मेरी समझ कर पूरी करता हूंँ हमेशा। -Nitesh Prajapati — % & ♥️ Challenge-854 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।