खत में मैंने लिखा कि अब कैसा है तु और कहा रहता है तू याद तेरी आती है दिन रात सताती है तू परदेश जाकर शायद बदल गया है पुछती है मां मुझसे कैसा हैं वो ये कहकर दिल बहला देता हू एक दिन आयेगा वो अब वो बड़ा हो गया है। मां डेली पुछती है तेरा फोन लगाती हैं तेरा फोन नहीं लगता तो मां रो जाती हैं। और कहती है बदल गया है तु तेरी याद मे मां इतनी कमजोर हो गई हैं। सही से चल भी नहीं पाती है सबसे तेरे बारे मे पुछती हैं और तुझे अच्छा बताती है और फिर आंखें भर लाती है आज भी मां तुझसे ही प्यार करती है मां मुझे लेकर डेली मन्दिर भी जाती हैं तू आयेगा लोटकर तेरे नाम का प्रसाद चड़ाती हैं मां अब थक गई हैं तेरी याद मे अब तु आजा कियूं चला गया मुख मोड़कर। घर बापस आजा परदेश छोडकर परदेश छोडकर. परदेश छोडकर please like and share