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30 दिसम्बर सन्न 2019 हमारा हाल ना पूछो कि दुनिया भ

30 दिसम्बर सन्न 2019
हमारा हाल ना पूछो कि दुनिया भूल बैठे हैं।
अब कैसे बतायें तुम्हे सजना, वो पल हम
दिल में बसा बैठें हैं। 
वैसे इस गाने के पीछे की कहानी सुनोगे ?
चलो चलो सुनाता हूँ। 
Read Caption -  मुददतों बाद उनसे मुलाकात हुई यारों
यही लगभग 3 साल बाद।
Lemongrass Maggie Point, Mussoorie. 
पहाड़ हैं, पहाड़ों के पीछे से सूरज की चोंध मारती किरणे हैं, सड़कें हैं, किनारे हैं। 
मानों ये सब ना मिज़ाज बनाने में हमारे लिए एक जुट थे।
मुझे वो 30 दिसम्बर का खूबसूरत दिन आज भी याद है, भले ही पूरा साल कैसा भी गया हो लेकिन साल के अंत में उनसे मिलकर लगा कि यार ये लम्हे ये साल कितनी जल्दी गुज़र गए। सफर हमारा इतना खूबसूरत रहा की पूरे रास्ते मुझे उनकी jacket की pocket में हाथ डालकर बैठने को मिला तब जब मैं उनके पीछे स्कूटर पर बैठा था। अरे भाई अगर हमें ठंड लग जाती तो !
अब वो ofcourse special हैं तो चाय तो बनती है उनके साथ। अच्छा मौसम ठंड का था तो गर्मा गरम चाय तो बिल्कुल बनती थी... है ना। चाय का मज़ा तो तब आया जब उनके लबों से प्याला छूकर घूँट मुझे पिलाई गयी। और उन्हें चाय इतनी पसंद आयी की वो बोलीं, " भैया एक कप चाय ... और मिलेगी !!? " 
और संयोग देखिये गाना भी कौन सा चल रहा था कि हमारा हाल ना पूछो कि दुनिया भूल बैठे हैं, लेकिन हम वो सारे लम्हे दिल में बसा बैठे हैं।
30 दिसम्बर सन्न 2019
हमारा हाल ना पूछो कि दुनिया भूल बैठे हैं।
अब कैसे बतायें तुम्हे सजना, वो पल हम
दिल में बसा बैठें हैं। 
वैसे इस गाने के पीछे की कहानी सुनोगे ?
चलो चलो सुनाता हूँ। 
Read Caption -  मुददतों बाद उनसे मुलाकात हुई यारों
यही लगभग 3 साल बाद।
Lemongrass Maggie Point, Mussoorie. 
पहाड़ हैं, पहाड़ों के पीछे से सूरज की चोंध मारती किरणे हैं, सड़कें हैं, किनारे हैं। 
मानों ये सब ना मिज़ाज बनाने में हमारे लिए एक जुट थे।
मुझे वो 30 दिसम्बर का खूबसूरत दिन आज भी याद है, भले ही पूरा साल कैसा भी गया हो लेकिन साल के अंत में उनसे मिलकर लगा कि यार ये लम्हे ये साल कितनी जल्दी गुज़र गए। सफर हमारा इतना खूबसूरत रहा की पूरे रास्ते मुझे उनकी jacket की pocket में हाथ डालकर बैठने को मिला तब जब मैं उनके पीछे स्कूटर पर बैठा था। अरे भाई अगर हमें ठंड लग जाती तो !
अब वो ofcourse special हैं तो चाय तो बनती है उनके साथ। अच्छा मौसम ठंड का था तो गर्मा गरम चाय तो बिल्कुल बनती थी... है ना। चाय का मज़ा तो तब आया जब उनके लबों से प्याला छूकर घूँट मुझे पिलाई गयी। और उन्हें चाय इतनी पसंद आयी की वो बोलीं, " भैया एक कप चाय ... और मिलेगी !!? " 
और संयोग देखिये गाना भी कौन सा चल रहा था कि हमारा हाल ना पूछो कि दुनिया भूल बैठे हैं, लेकिन हम वो सारे लम्हे दिल में बसा बैठे हैं।