तुम्हारी और मेरी संवेदना का अब ये बोझ है जो सर से पाँव तलक है वो संवेदना अब धीरे धीरे बदल गयी है आशाओं में कि उसे जब भी जरूरत थी, वो था अब उसे जब भी जरूरत होगी मेरा होना भी जरूरी होगा #संवेदना #प्यार #आभार #आशा #रूप_की_गलियाँ #rs_rupendra05 #rs_rupendra05 #yqdidi