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मेरी शायरी ! मेरी कविता की पहचान बन गए हो! अजनबी न

मेरी शायरी !
मेरी कविता की
पहचान बन गए हो!
अजनबी नहीं 
अब तुम!
मेरे शब्दों की 
जान बन गए हो!
करता हूँ इंतज़ार
हर लम्हा तुम्हारा!
स्वाति! की बूँद सी
अनमोल बन गए हो!

©Deepak Bisht #हाले-ए-दिल💚
मेरी शायरी !
मेरी कविता की
पहचान बन गए हो!
अजनबी नहीं 
अब तुम!
मेरे शब्दों की 
जान बन गए हो!
करता हूँ इंतज़ार
हर लम्हा तुम्हारा!
स्वाति! की बूँद सी
अनमोल बन गए हो!

©Deepak Bisht #हाले-ए-दिल💚