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White जब पहली बार प्रेम लिखा गया, मतलब था, दो जीवो

White जब पहली बार प्रेम लिखा गया,
मतलब था, दो जीवो का एक होना।
क्योंकि श्रृष्टि का संचालन सुदृढ़ करना था।

दो स्वच्छंद विचारो का जब मिलना होगा,
प्रेम होगा, श्रृष्टि के क्रम में, निरंतर ये ही चक्र चलेगा।

ना कहीं करूण-क्रदन ,ना ही वियोगित मन।
यथावत चल रहा था, जैसा लिखा गया था।

फिर प्रेम हुआ, साक्षात ईश्वर को हुआ।
वो प्रथम जीवंत प्रेम था, अनंत तक चलने वाला,

अखंड , मगर रचना के विरुद् होने वाला,
यहां जप भी था और तप भी, 
 करूणा और वियोग भी।
संताप में श्रृष्टि तक को भस्म करने वाला,
यह पहला प्रेम था जो पूर्ण हुआ।

©Vishwas Pradhan #Shivashakti #MyPoetry #Hindi
White जब पहली बार प्रेम लिखा गया,
मतलब था, दो जीवो का एक होना।
क्योंकि श्रृष्टि का संचालन सुदृढ़ करना था।

दो स्वच्छंद विचारो का जब मिलना होगा,
प्रेम होगा, श्रृष्टि के क्रम में, निरंतर ये ही चक्र चलेगा।

ना कहीं करूण-क्रदन ,ना ही वियोगित मन।
यथावत चल रहा था, जैसा लिखा गया था।

फिर प्रेम हुआ, साक्षात ईश्वर को हुआ।
वो प्रथम जीवंत प्रेम था, अनंत तक चलने वाला,

अखंड , मगर रचना के विरुद् होने वाला,
यहां जप भी था और तप भी, 
 करूणा और वियोग भी।
संताप में श्रृष्टि तक को भस्म करने वाला,
यह पहला प्रेम था जो पूर्ण हुआ।

©Vishwas Pradhan #Shivashakti #MyPoetry #Hindi