तुम यूँ न टूट कर प्यार करो, ठहर जाओ, थोड़ा सा इंतज़ार करो. एतमाद न है इस प्यार वाले व्यापार का, संभल जाओ, थोड़ा सा इंतज़ार करो. तरकश में रखे हर तीर को वो तुमपे आजमाएगा, बहक न जाओ, थोड़ा सा इंतज़ार करो. मुखोटा जो पहना है उसने, खुद ही उतर आएगा, देखते जाओ, थोड़ा सा इंतज़ार करो. ये इश्क़ फरमाना इतना भी आसान नहीं प्रिये, नज़रें न चुराओ, थोड़ा सा इंतज़ार करो. बड़े तहज़ीब से वो तुम्हें अकेला छोड़ जाएगा, यूँ न मुस्कुराओ, थोड़ा सा इंतज़ार करो. अभी चंद रोज़ पहले ही तो जवां हुए हो, इतना न इतराओ, थोड़ा सा इंतज़ार करो. "प्रेमासक्त" हूँ इन राहों से गुजरा हूँ सुनकर गौर फरमाओ , थोड़ा सा इंतज़ार करो. मेरा दूसरा प्रयास ग़ज़ल लिखने का. उम्मीद है कि आपको पसंद आएगा. अपने विचार जरूर प्रकट कीजिएगा. एतमाद- trust इंतज़ार होता तो कठिन है मगर करना तो पड़ेगा ही। #इंतज़ारकरो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #ग़ज़ल #marchdiaries #vineetvicky #नियतएइश्क़