लुट रहा था दामन उसका इज्ज़त हो रही थी तारतार जब नोच रहे थे दरिंदे उसको कर रहे थे बलात्कार क्यों मौन थी संसद की गलियां खामोश थी सरकार कहा गए वो लोग जो कहते थे मैं भी हूँ चौकीदार ✍️ - आशुतोष मिश्रा #nojoto #rape #hang #death #kathua