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ढ़ल गया दिन रात अब होने को है तन्हाई आज फ़िर से मि

ढ़ल गया दिन रात अब होने को है
तन्हाई आज फ़िर से मिलने को है 

समंदर छिपा रखा है,  दर्द का मैंने
दर्द की लहरों से,  अब डर नहीं है 

मिलन होता तन्हा दिल का  दर्द से
इस मिलन का एक अलग मज़ा है

दर्द से अब अनोखा  रिश्ता है मेरा
दोस्त बन  हर राह पर  संग है मेरे  ♥️ Challenge-503 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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ढ़ल गया दिन रात अब होने को है
तन्हाई आज फ़िर से मिलने को है 

समंदर छिपा रखा है,  दर्द का मैंने
दर्द की लहरों से,  अब डर नहीं है 

मिलन होता तन्हा दिल का  दर्द से
इस मिलन का एक अलग मज़ा है

दर्द से अब अनोखा  रिश्ता है मेरा
दोस्त बन  हर राह पर  संग है मेरे  ♥️ Challenge-503 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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krishvj9297

Krish Vj

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