मेरे प्रिय भाईयों गुस्सा न दिखाएं छोड आपसी अनबन हंस सब को गले लगाए ए जो अफवाह फैलीहै इसे सब मिलके दफनाए हो रहे जो क्रूर इतना उन्हे जरा मानवता सिखाए जाने जाते है सदा हम आपस के व्यवहार से जो सिखाया है वतन ने वो जरा उनको सिखाए आपसी भाई चारे की बुनियाद है जो शेष अब फिर उसे इतना उठाए बात आगे बढ रही है और न इसको बढाए मिल रहे इस देश में सब और इसको शान्त और सुन्दर बनाए मिल रहे सब औ सदा रिश्ते निभाए .पं. अश्वनी मिश्रा