यह सच्चाई को अर्पण है,तभी तो नाम इसका दर्पण है, न कलुष है, न बैरभाव शुशोभित सम जीवन समर्पण है, न ढाक वास्तविक चेहरा,कभी सत्य का भान किया करो, सत्यार्थ प्रकाश देखना दोस्त,आईना जब भी उठाया करो, मिथ्या अहम सब बिसार दो,हिय को रोष ही मात्र पहुचायेंगे, ये जीवन का आईना ही है जो दर्पण से ज्यादा सत्य बतायेंगे, चंद सैंकड़ों की खुशी के खातिर मुखलेपन झूठ का कर लिया, चंद सच्चाई की बूंदो है समक्ष ही वह कृत्रिमता भी धुल गया। #yqbaba #yqdidi #myquote openforcollab #collabwithmitali #mirror_in_hand #आईना_जब_भी_उठाया_करो 📀 समय सीमा: 11:59 कल रात्रि तक। 📀 आप किसी भी भाषा में लिख सकते हैं (Hindi & English) 📀 कोई शब्द सीमा नहीं है।