घर अनुशीर्षक में👇👇 घर है स्वर्ग से भी सुंदर प्रेम से रहते इसके अंदर ये एक प्रेम संस्कार का मंदिर जिसमें बसते हमारे भगवन आपस में हर रिश्ते को जोड़े रखता अपने कंधो पर बोझ है ढोता शांति सुकून हम सब को देता लेकिन ये रह जाता कभी कभी अकेला पथराई आँखों से जाते देखता आने का इंतज़ार करता