तू है रातो का सफर तू है तो क्या है डर तुझसा नहीं कोई तू है मेरी नजर खामोंस है मेरा हर पल हर आज तू है उसमें बशर ......... #zazbaat नजरो से #मासुमियत को एक #दिल -ए- नादा समझ सकता है हा हर #ज्जबात को पढ़कर हसी को अन्दाज बना देता है य #फितुर ... ऊर्फ