खुद से जो बातें करती हूं भूल जाती हूं इसीलिए डायरी तुझ तक आती हूं, खुद से जो बातें करनी होती है उसकी सूची बनाकर फिर भूल जाती हूं इसीलिए डायरी तुझ तक आती हूं, और तो कभी-कभी बातें भुला नहीं पाती हूं तो कभी किसी को बता नहीं पाती हूं तब डायरी मैं तुझ तक आती हूं, और कभी क्या कहना या सुनना चाहती हूं वह समझ नहीं पाती हूं तब डायरी में तुझ तक आती हूं, बस यूं ही कभी छुप जाने कभी खुद का सामना करने तो कभी बस खुद से बतियाने ए डायरी मैं तुझ तक आती हूं, और कभी कबार तुझे किताबों संग सिरहाने रख कर सो जाती हूं। 🧡📙📙🧡 #diary #metime #baatein #selftalk #aboutmydiary #aajkebaremein #hindipoems #grishmapoems