उसके प्रेम के, विरह की सर्दियों में, हृदय की भूमि पर, जमीं उम्मीद की बर्फ, उसकी, सुलगती देह के अलाव की, गर्माहट ढूंढ रहीं थीं, हथेलियां उसकी, कुछ शब्द, आहटों की चादर ओढ़, उस तक कभी नही आये, वो..मौन मे, रूपांतरित हो, दिल के अहाते मे लगी, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #कादंबरी उसके प्रेम के, विरह की सर्दियों में, हृदय की भूमि पर, जमीं उम्मीद की बर्फ,