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आज मेरी मुहब्बत गुनाह नही, कानून से तो अर्जी मन्ज़ू

आज मेरी मुहब्बत गुनाह नही,
कानून से तो अर्जी मन्ज़ूर हो गई,
पर जिसकी कोख ने मेरा वजूद बनाया,
वो कब मन्ज़ूरी देगी।।


#section 377
आज मेरी मुहब्बत गुनाह नही,
कानून से तो अर्जी मन्ज़ूर हो गई,
पर जिसकी कोख ने मेरा वजूद बनाया,
वो कब मन्ज़ूरी देगी।।


#section 377