फिजा में अब वो, शराब कहां गुलशन में अब वो, शबाब कहां तेरी महफिल को, कर दे फिर जिन्दा अब न मिलता, कोई ईमानदार यहाँँ। नीरज की कलम से... ©Niraj Srivastava #NirajKiKalamSe #nirajkikalamse #shayariquotes #shayariquotesinhindi