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मैं जब भी थक कर आँख मूँदता हूँ एक अजनबी सी आहट मुझ

मैं जब भी थक कर आँख मूँदता हूँ
एक अजनबी सी आहट मुझे जगाती है
वो तेरी मीठी मुस्कान बहुत याद आती है
जो ग़म मैं मुझे दिलासा देती है
जो रुला कर मुझे हंसा देती है
वो तेरी मीठी मुस्कान बहुत याद आती है
पता नही कब तक तेरे साथ रहूंगा 
मग़र में अंत तक तुझे याद करूँगा
मेरे हर गम मैं जो मुझे हँसा देती है
वो तेरी मीठी मुस्कान बहुत याद आती है।
वो जो हर राह पर साथ रहती है
रेखा की उस पार तक जाती है
जो रात भर मुझे जगाती है 
वो तेरी मीठे मुस्कान बहुत याद आती है।
                          " जान मोहम्मद शाह" तेरी मीठी मुस्कान
#nojoto#nojotohindi#indianpoetry#urdupoetry
मैं जब भी थक कर आँख मूँदता हूँ
एक अजनबी सी आहट मुझे जगाती है
वो तेरी मीठी मुस्कान बहुत याद आती है
जो ग़म मैं मुझे दिलासा देती है
जो रुला कर मुझे हंसा देती है
वो तेरी मीठी मुस्कान बहुत याद आती है
पता नही कब तक तेरे साथ रहूंगा 
मग़र में अंत तक तुझे याद करूँगा
मेरे हर गम मैं जो मुझे हँसा देती है
वो तेरी मीठी मुस्कान बहुत याद आती है।
वो जो हर राह पर साथ रहती है
रेखा की उस पार तक जाती है
जो रात भर मुझे जगाती है 
वो तेरी मीठे मुस्कान बहुत याद आती है।
                          " जान मोहम्मद शाह" तेरी मीठी मुस्कान
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jmshah6745048664973

J. M. Shah

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