खुशी ऐसी कि छुपाए नहीं छुप रही है ..... हर घड़ी जैसे एक लम्बा पहर लग रही है..... खुशी ऐसी जो आंखों से बयां हो रही है ..... ,अल्फाज नहीं है मेरे पास , फिर जुबां जैसे हर बात कह रही है ..... यूं तो , वो शहर , वो गलियां बस कुछ मील दूर है मुझसे...... मगर ये कुछ मील , मुझे जैसे एक लंबा सफर लग रही है...... घड़ी देखती हूं तो लगता है , कि "ये सुइयां भला आज इतना धीरे क्यों चल रही है "? वैसे तो मैंने यहां कई महीने गुजर दिया अपने.... मगर , आज की ये रात जैसे गुजरी ही नहीं रही है..... ये घर जाने की खुशी है ,जनाब ..... "जो होठों पर हंसी और आंखों में नमी बन कर छलक रही है "....,..... कुछ अल्फाज नहीं है मेरे पास , फिर भी जुंबा जैसे हर बात कह रही है..... ©MEGHA Sharma #Home #town #back #homelove #SunSet