न जाने कब सूखेगा ये, मेरी आंखों का समंदर........ न जाने अब कब बुझेगी, जो आग लगी है अंदर........ इस दिल में खिलता था, गुलिस्तां मेरी मोहब्बत का.... आज दिल का ये महल, हो गया है बिल्कुल बंजर..... ©Poet Maddy न जाने कब सूखेगा ये, मेरी आंखों का समंदर........ #DryUp#Ocean#Eyes#Extinguish#Fire#Burning#Heart#Love#Palace#Barren.......