लड़ रहे हम जिंदगी से इक निवाले के लिये खो दिये है जिंदगी को इस जमाने के लिए जन्म पाया इस जमी पर ईक निवाले के लिये...!! लड़ रहे हम जिंदगी से इक निवाले के लिये........... सोच कर देखो जरा तुम इस जमाने के लिए क्या किया तुमने जमी पे इक निवाले के लिये!! लड़ रहे हम जिंदगी से इक निवाले के लिये... भूल कर बैठे यहाँ तुम मौत पाने के लिए खो दिये है जिंदगी को इस जमाने के लिये!! लड़ रहे हम जिंदगी से इक निवाले के लिये... कविता