चुभन रिश्तो की, ना जीने देती है ना मरने देती है, जब तक चलती है साँसे, तब तक वह दर्द देती ही रहती है। रिश्ता काच जैसा होता है, जब विश्वास टूटता है तो बिखर जाता है, चोट दिल पर लगती है, और ज़ख्म से लहू भी नहीं निकलता है। दुनिया के सारे रिश्तो के सामने, हम चुनते है तेरा ही रिश्ता, उसके लिए इतना करने के बावज़ूद भी, अगर वो हमे छोड़ कर चली जाती है, तब आँखों से अश्क बह जाते हैं। रिश्तो की अहमियत वह क्या जाने, जो होते ही है बेवफ़ा, पल दो पल की अपनी खुशी के लिए, दूसरों की जिंदगी में आते हैं, और फिर उसे जीते जी मरने को छोड़ जाते हैं। -Nitesh Prajapati ♥️ Challenge-868 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।