मेरी नटखट गुड़िया रानी, मेरी प्यारी बिटिया रानी, हर सुबह मुझको जगाती, बातें करती बड़ी सयानी। छम छम करके चलती है, गिरती और संभलती है, छुट्टी के दिन जहाँ भी जाऊँ, साथ मेरे निकलती है। ऑफिस से जब कभी मैं, थका हारा घर आता हूँ, उसकी एक झलक पाकर, सारे ग़म भूल जाता हूँ। 🌟 प्रतिदिन प्रतियोगिता- 01 🌟 शीर्षक - प्यारी बिटिया ! 🌟 इस रचना में आपको सिर्फ़ 6 पंक्तियाँ लिखनी हैं, इससे कम या ज़्यादा पंक्तियों में लिखी हुई रचना प्रतियोगिता में मान्य नहीं होगी। 🌟"COLLAB" करने के बाद "COMMENTS" में "DONE" ज़रूर लिखें, जिससे आपकी रचना तक हम आसानी से पहुँच सके!