तेरी यादों के सहारे ही हमने न जाने अपने कितने ही सावन के मौसम गुजारे, तेरी राह तकते तकते थक गई आंँखें हमारी द्वारे पर बैठकर कब तक निहारे। हमारे इंतज़ार के लम्हें खत्म करो सनम, आकर दे दो अपनी बाहों का हमें सहारा, आकर मिटा दो बेचैनी और बेकरारी तुम बिन नहीं है कोई इस जहांँ में हमारा। तड़पता है तुम्हारे लिए और तुम्हारे ही ख्वाबों खयालों में हरपल खोया रहता है, जिंदगी हो हमारी आकर अपना बना लो हमें पल पल ये दीवाना दिल कहता है। ♥️ Challenge-575 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।