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वो अक्टूबर की सुनहरी धूप में तेरे बलों पर मढ़ा सोन

वो अक्टूबर की सुनहरी धूप में तेरे बलों पर मढ़ा सोना
खिलखिला कर बातें करता था
और तेरी आँखे चाँद से चमचम उतार लाई थीं

तेरी मुस्कराहटें
हवा की सरगोशियों में कलफ हो कर
मोगरे सी महकती थीं
और तेरी उंगलियाँ मेरी हथेली पर गुनगुना कर 
ज़िन्दगी लिखती थीं

तेरे जाने के बाद 
बस ख़लिश बांकी है 
जो फाँस बनकर मेरे सीने में ज़ब्ब है 
और अक्टूबर मेरी रूह में चुभने लगा है

ना जाने कितने समन्दर मुझको पीने हैं 
ना जाने कितने साहिल को काज़ करना है #एक_थी_मीठा 
#ना_मीठा_के_पैराहन_ना_शोना_के_पैर 
#Chapter_3_इद्दत
#kavishala #tassavuf #mikyupikyu #meethashona
वो अक्टूबर की सुनहरी धूप में तेरे बलों पर मढ़ा सोना
खिलखिला कर बातें करता था
और तेरी आँखे चाँद से चमचम उतार लाई थीं

तेरी मुस्कराहटें
हवा की सरगोशियों में कलफ हो कर
मोगरे सी महकती थीं
और तेरी उंगलियाँ मेरी हथेली पर गुनगुना कर 
ज़िन्दगी लिखती थीं

तेरे जाने के बाद 
बस ख़लिश बांकी है 
जो फाँस बनकर मेरे सीने में ज़ब्ब है 
और अक्टूबर मेरी रूह में चुभने लगा है

ना जाने कितने समन्दर मुझको पीने हैं 
ना जाने कितने साहिल को काज़ करना है #एक_थी_मीठा 
#ना_मीठा_के_पैराहन_ना_शोना_के_पैर 
#Chapter_3_इद्दत
#kavishala #tassavuf #mikyupikyu #meethashona
shonaspeaks4607

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