चाँद में पिरो दिया गया एक झुमका झुमका, जो क्षितिज के ठीक मध्य में लटकता है पीली चुनर में लिपटे शाम के सूर्य की तरह । अस्थिर, जैसे रहता है मन हिलता-डुलता जैसे पड़े पर लगे फूल, तुम्हारा झुमका, झुमका नहीं हो सकता हैं अवश्य ही यह किसी सभ्यता के उत्खनन से निकला होगा । अवश्य ही यह किसी प्रेमिका का झुमका होगा जो हर दिन उसके बालों की ओट में छुप जाता होगा जैसे थके-हारे प्रेमी का सिर प्रेमिका की गोद में बालों से ढका हो । यह झुमका, अब तुम्हारा नहीं मेरा हो चुका है एक कविता के रूप में । #solace #love #jhumka #ethnic #chand #mohabbat #premika #hindi #earrings #lockdown