सब कहते हैं महामारी इसको, पर ये तो था होना, कुदरत की ये साजिश है ,जो आया है कोरोना सबका छीनों सब कुछ पा लो, कोई न चाहे खोना , पाप की बोझ जो तुमने है सजायी, वो तुमको है ढो़ना , मौसम भी है साथ दे रहा, कुछ तो करिश्मा समझो ना कुदरत की ये साजिश है जो आया है कोरोना ।। जीव जंतु रहने ही न दोगे, दूध दही बहने ही न दोगे , इंसानों की सुनते हो तुम ,बेजुबानों को कहने ही न दोगे, उनको मारो बेरहमी से ,खुद को तुम सहने ही ना दोगे, उसका यही अंजाम होगा ,जनजीवन तमाम होगा ,अगर पूरी दुनिया ही है कातिल, तो इंसाफ सरेआम होगा , आँखे खोल लो वक्त है अभी, वरना महँगा पडे़गा सोना कुदरत का इंसाफ है ये जो आया है कोरोना ।। वो वैसे भी तो खुश है, तुम उन्हें पिंजरे में न डालो, वो खुद ही डरते हैं तुमसे ,कि कहीं तुम न उनको खालो, है नही औकात यदि तुममें तो ,फिर उनको तुम मत पालो , कुदरत के प्रति है जिम्मेदारी कुछ ,तुम उनको तो निभालो , आज हँस रहे इस पर तुम , कल तुमको ही है रोना कुदरत की है यह साजिश जो आया है कोरोना ।। आंखें खोलो वक्त है अभी, वरना पड़ेगा रोना कुदरत की यह साजिश है जो आया है कोरोना ।। Words tribute on the topic of corona virus, plz be vegetarian be healthy coz enough is enough now we should do the right way #yourquote #thought #aksh_writing #minequote #poems